किसान अर्थव्यवस्था की प्रेरक शक्ति हैं। यही कारण है कि हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल है। इसके अलावा, देश का हर नागरिक उनके द्वारा उत्पादित कृषि उत्पादों पर निर्भर है। किसान पूरे देश को भोजन देते हैं, लेकिन वे खुद दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करते हैं। इसके अलावा, किसान कर्ज और अपराधबोध के बोझ के कारण आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि वे अपने परिवार को भोजन नहीं दे पा रहे हैं और उन्हें समृद्ध जीवन नहीं दे पा रहे हैं।
बहुत से किसान आय का अधिक स्थिर स्रोत खोजने के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं ताकि उनके परिवार को उचित भोजन की आपूर्ति हो सके। लेकिन अगर किसानों की आत्महत्या और पलायन का यही हाल रहा तो भारत फिर से खाद्यान्न निर्यातक की बजाय आयातक बन जाएगा। बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर किसानों की आत्महत्या के मुद्दे को उठाया जा रहा है।
निष्कर्ष के तौर पर, खादपानी एक ऐसा मंच है जहाँ पे किसान की अनेकों उलझनों के बाबजूद एक सुखद सुकून का एहसास है, खादपानी मंच पे किसान अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पाद फसल को अच्छी पैदावार के लिए उचित दाम में उपयोग करेगा। साथ ही साथ इस अभियान में और किसान बंधुओं को प्रेरित करने के द्वारा अपने परिवार के सुरक्षित भविष्य के लिए अतिरिक्त आय का सृजन विकल्प मिलेगा।
आज के आधुनिक युग में खादपानी मंच के किसानो को निशुल्क उपग्रह आधारित मृदा स्वास्थ्य परिक्षण, कीट चेतावनी और फसल निगरानी, मौसम पुर्वमान, फसल कैलेंडर जैसे अनेको सुविधाएँ देके जागरूक करने का काम किया जा रहा है।
हम खादपानी परिवार से जुड़े सभी किसान बंधुओं का इस परिवार पे विश्वास और प्रेम बनाये रखने हेतु धन्यवाद देते है।
- मोहित कुमार, राहुल देव मिश्रा (संस्थापक सदस्य)
जिलों में प्रसार
एकड़ से अधिक क्षेत्र में जैविक खेती
गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद
जैविक किसानो को प्रशिक्षण